Paheliyan In Hindi With Answer. पहेलियाँ हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा हैं। ये हमें मजाक के साथ विचारशील और तर्कशक्ति विकसित करने का मौका प्रदान करते हैं। पहेलियों में एक विचित्र विचार या प्रश्न होता है जो हमें उत्तर ढूंढने में मजबूत बनाता है। हमारे सामने पहेलियों का एक विविध विवरण है, जैसे कि विविध विचार, विविध विषयों पर आधारित पहेलियाँ और तर्कशक्ति विकसित करने वाली पहेलियाँ। इस लेख में, हम पहेलियों के विविध प्रकार और उत्तरों के बारे में विस्तार से विवरण प्रदान करेंगे।
Paheliyan In Hindi With Answer
Paheliyan (पहेलियां) हमारे मन को चलाने वाले मजेदार और धूमधाम वाले प्रश्नों की एक प्रकार हैं। इन्हें पूछने वाले प्रश्नों की तरह ही उत्तर देने वाले को मजेदार तरीके से होती है। यह हमारे मन को चुस्त और तन्हाई से छुटकारा देने वाले प्रश्न हैं। हमने नीचे आपके लिए कुछ पहेलियों की लिस्ट के जवाबों के साथ दी हुई है उन्हें देखें।
Paheliyan In Hindi With Answer
1) अगर आप अँधेरे कमरे में एक मोमबत्ती, एक लालटेन और एक दीया के साथ हैं तो सबसे पहले आप क्या जलाएँगे?
Ans: माचिस
2) वह कौन – सा फूल है, जिसके पास कोई रंग और महक नहीं है?
Ans: अप्रैल फूल
3) ऐसा शब्द बताइए कि जिससे फूल, मिठाई और फल बन जाए?
Ans: गुलाब जामुन
4) ऐसी कौन – सी चीज है, जिसको जितना खींचा जाता है, वो उतनी हीं छोटी होती जाती है |
Ans: सिगरेट
5) ऐसी कौन – सी जगह है, जहाँ पर सड़क है पर गाड़ी नहीं, जंगल है पर पेड़ नहीं और शहर है पर घर नहीं ?
Ans: नक्शा
6) ऐसा रूम, जिसकी खिड़की ना दरवाजा तो बताओ क्या ?
Ans: मशरूम
7) वह क्या है, जिसे आप एक बार खा कर दोबारा नहीं खाना चाहते हैं मगर फिर भी खाते हैं?
Ans: धोखा
8) ऐसी कौन – सी चीज है, जिसे हम पानी के अंदर खाते हैं?
Ans: गोता
9) ऐसी कौन – सी चीज है, जिसे लोग काटते हैं, पीसते हैं और बाँटते हैं मगर खाते नहीं हैं?
Ans: ताश के पत्ते
10) खुद कभी वह कुछ न खाए, लेकिन सब को खूब खिलाए |
Ans: चम्मच
11) जब भी आए, होश उड़ाए, फिर भी कहते हैं कि आए |
Ans: नींद
12) पंख नहीं पर उड़ती हूँ, हाथ नहीं पर लड़ती हूँ |
Ans: पतंग
13) डब्बे पर डब्बा, डब्बे का गाँव, चलती फिरती बस्ती है, लोहे के पाँव |
Ans: रेलगाड़ी
14) राजा के महल में रानी पचास, सिर पटके दीवार से, जलकर होए राख |
Ans: माचिस
15) कमर पतली है, पैर सुहाने, कहीं गए होंगे बीन बजाने |
Ans: मच्छर
16) बच्चों! एक लाठी की सुनो कहानी, छुपा है जिसमें मीठा – मीठा पानी |
Ans: गन्ना
17) एक गुफा के दो रखवाले, दोनों लंबे, दोनों काले |
Ans: मूंछें
18) अगर नाक पर मैं चढ़ जाऊँ, तो कान पकड़कर खूब पढ़ाऊँ |
Ans: चश्मा
19) मेरे नाम से सब डरते हैं, मेरे लिए परिश्रम करते हैं |
Ans: परीक्षा
20) मैं मरती हूँ, मैं कटती हूँ | पर रोते हो तुम, पहचानो कौन हूँ मैं |
Ans: प्याज
21) एक राजा की अनोखी रानी, दुम के सहारे पीती पानी |
Ans: दीपक
22) काली काली माँ, लाल लाल बच्चे, जहाँ जाए माँ, वहाँ जाएँ बच्चे |
Ans: ट्रेन
23) बूझो भैया एक पहेली, जब काटो तब नई नवेली |
Ans: पेंसिल
24) बेशक न हो हाथ में हाथ, जीता है वह आपके साथ |
Ans: परछाई
25) हरी डिब्बी, पीला मकान, उसमें बैठे कालू राम |
Ans: पपीता और बीज
26) आवाज है पर इंसान नहीं, जुबान है पर निशान नहीं |
Ans: ऑडियो कैसेट
27) कमर बाँध कोने में पड़ी, बड़ी सबेरे अब है खड़ी |
Ans: झाड़ू
28) तीन रंग की तितली, नहा धोकर निकली |
Ans: समोसा
29) एक प्लेट में तीन चम्मच |
Ans: पंखा
30) काला घोड़ा, सफेद सवारी, एक उतरा तो दूसरे की बारी |
Ans: तवा और रोटी
31) मैं हरी, मेरे बच्चे काले, मुझे छोड़ मेरे बच्चे खा ले |
Ans: इलायची
32) काले वन की रानी है, लाल पानी पीती है |
Ans: खटमल
33) एक पहेली मैं बुझाऊँ, सिर को काट नमक छिड़काऊँ |
Ans: खीरा
34) तीन अक्षर का मेरा नाम, उल्टा सीधा एक समान |
Ans: जहाज
35) ऊँट की बैठक, हिरन की चाल, बोलो वह कौन है पहलवान |
Ans: मेढ़क
36) हजार लाख में रहे अँधेरा, मात्र एक हीं में उजाला |
Ans: चाँद
37) खड़ा पर भी खड़ा, बैठने पर भी खड़ा |
Ans: सींग
38) कान मरोड़ो, पानी दूँगा, मैं कोई पैसे नहीं लूँगा |
Ans: नल
39) दिन में सोए, रात में रोए | जितना रोए, उतना खोए |
Ans: मोमबत्ती
40) एक घर में पचास चोर, रहते हैं सब साथ-साथ |
Ans: माचिस
41) हरा मकान, लाल दुकान, और उसमें बैठता लल्लूराम |
Ans: तरबूज
42) न भोजन खाता, न वेतन लेता, फिर भी पहरा डटकर देता |
Ans: ताला
43) एक पेड़ की तीस है डाली, आधी सफेद और आधी काली |
Ans: महीना
44) सफेद मुर्गी, हरी पूँछ, तुझे ना आए काले से पूछ |
Ans: मूली
45) छोटा हूँ पर बड़ा कहलाता, रोज दही की नदी में नहाता |
Ans: दहीबड़ा
46) चार ड्राइवर एक सवारी, उसके पीछे जनता भारी |
Ans: मुर्दा
47) बीसों का सिर काट लिया, ना मारा ना ख़ून किया |
Ans: नाख़ून
48) एक पैर है काली धोती, जाड़े में वह हरदम सोती |
गरमी में है छाया देती, सावन में वह हरदम रोती |
Ans: छतरी
49) पगरी में भी, गगरी में भी, और तुम्हारी नगरी में भी |
कच्चा खाओ, पक्का खाओ, शीश में मेरा तेल लगाओ |
Ans: नारियल
50) लाल घोड़ा रुका रहे, काला घोड़ा भाग जाए, बताओ कौन?
Ans: आग और धुँआ
51) वह पाले नहीं भैंस, ना गाय, फिर भी दूध मलाई हीं खाए |
घर बैठे हीं वह करे शिकार, रिश्ते में भी है, वह मौसी यार |
Ans: बिल्ली
52) कटोरा पर कटोरा, बेटा बाप से भी गोरा |
Ans: नारियल
53) भवनों से मैं नजर आता, सब बच्चों को खूब भाता |
दूर का हूँ लगता मामा, रूप बदलता पर दिल को भाता |
Ans: चंद्रमा
54) एक पाँव का काला मेंढक, वर्षा काल में आता |
बहुत बरसता है जब पानी, उपयोगी मैं बन जाता |
Ans: छाता
55) बिना पाँव पानी पर चलती, बत्तख नहीं, ना पानी की रानी |
उसे न चाहिए सड़क या पटरी, सिर्फ चाहिए गहरा पानी |
Ans: नाव
56) सात रोज में हूँ आता, बालकों का हूँ चहेता |
वे करते हैं बस मुझसे प्यार, नित्य करते हैं मेरा इंतजार |
Ans: रविवार
57) रंग है उसका पीला, तपाया है तो ढीला |
पीटा है तो फैला, कीमती है तो छैला |
Ans: सोना
58) खबर लाता हूँ सुबह, नहीं लगाता हूँ देर मैं |
फेंक दिया जाता हूँ, दूसरे दिन रद्दी के ढेर में |
Ans: अख़बार
59) बोल नहीं पाती हूँ मैं, और सुन नहीं पाती |
बिना आँखों के हूँ अंधी, पर सबको राह दिखाती |
Ans: पुस्तक
60) तीन अक्षर का मेरा नाम, बीच कटे तो रिश्ते का नाम |
आखिरी कटे तो सब खाए, भारत के तीन तरफ दिखाए |
Ans: सागर
61) शुरू कटे तो कान कहलाऊँ, बीच कटे तो मन बहलाऊँ |
परिवार की मैं करूँ सुरक्षा, बारिश, आँधी, धूप से रक्षा |
Ans: मकान
62) सोने की वह चीज है, पर बेचे नहीं सुनार |
मोल तो ज्यादा है नहीं, बहुत है उसका भार |
Ans: चारपाई
63) नकल उतारे सुनकर वाणी, चुप-चुप सुने सभी की कहानी |
नील गगन है इसको भाए, चलना क्या उड़ना भी आए |
Ans: तोता
64) राजा महाराजाओं के ये, कभी बहुत आया काम |
संदेश इसने पहुचाएँ, सुबह हो या शाम |
Ans: कबूतर
65) आगे ‘प’ है मध्य में भी ‘प’, अंत में इसके ‘ह’ है |
पेड़ों पर रहता है, सुर में कुछ कहता है |
Ans: पपीहा
66) देखी रात अनोखी वर्षा, सारा खेत नहाया |
पानी तो पूरा शुद्ध था, पर पी न कोई पाया |
Ans: ओस
67) करती नहीं यात्रा दो गज, फिर भी दिन भर चलती है |
रसवंती है, नाजुक भी, लेकिन गुफा में रहती है |
Ans: जीभ
68) नहीं सुदर्शन चक्र मगर, मैं चकरी जैसा चलता |
सिर के ऊपर उल्टा लटका, फर्श पर नहीं उतरता |
Ans: पंखा
69) पास में उड़ता – उड़ता आए, क्षण भर देखूँ , फिर छिप जाए |
बिना आग के जलता जाए, सबके मन को वह लुभाए |
Ans: जुगनू
70) छिलके को दूर हटाते जाओ, बड़े स्वाद से खाते जाओ |
इतना पर अवश्य देखना, छिलके इसके दूर हीं फेंखना |
Ans: केला
71) आँखें दो हो जाए चार, मेरे बिना कोट बेकार |
घुसा आँखों में मेरा धागा, दर्जी के घर से मैं भागा |
Ans: बटन
72) मध्य कटे तो सास बन जाऊँ, अंत कटे तो सार समझाऊँ |
मैं हूँ पक्षी, रंग सफेद, बताओ मेरे नाम का भेद |
Ans: सारस
73) सर्दी की रात मैं नभ से उतरूँ, लोग कहते हैं मुझे मोती |
सूर्य का प्रकाश देखते हीं, मैं गायब होती |
Ans: ओस
74) एक हाथ है लकड़ी की डंडी, बने हुए हैं इसमें आठ घर |
ज्यों-ज्यों हवा जाए उस भवन में, त्यों-त्यों निकले हैं मीठे स्वर |
Anss: बाँसुरी
75) उड़ नहीं सकती मैं वायु में, चल नहीं पाती सड़कों पर |
लेकिन लाखों पर्यटकों को, पहुँचाती हूँ इधर-उधर |
Ans: रेल
76) बिन जिसके हो चक्का जाम | पानी जैसी चीज है वह,
झट से बताओ उसका नाम |
Ans: पेट्रोल
77) मैं एक बीज हूँ, तीन अक्षर है मेरे |
दो दल वाला अन्न हूँ, दाल बनाकर खाते हो |
Ans: मटर
78) तरल हूँ पर पानी नहीं, चिपचिपा हूँ गोंद नहीं |
मीठा हूँ पर चॉकलेट नहीं, मधुमक्खियों द्वारा मैं बनता हूँ |
Ans: शहद
79) दो सुंदर लड़के, दोनों एक रंग के |
एक बिछड़ जाए, तो दूसरा काम न आए |
Ans: जूता
80) सात गांठ की रस्सी, गांठ – गांठ में रस |
इसका उत्तर जो बताए, उसको देंगे रूपए दस |
Ans: जलेबी
Conclusion
Paheliyan (पहेलियां) हमारे दिन को मजेदार बनाते हैं। हमारे मन को चलाने वाले और धूमधाम वाले प्रश्नों के तरीके से हमें हमारे तन्हाई से छुटकारा मिलता है। हमें पहेलियों के उत्तर देने में मजेदार तरीके से मजा मिलता है। पहेलियों के उत्तर देने में हमें अपने मनोविज्ञान और तर्कशक्ति का प्रयोग करने की जरूरत होती है।
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